हिमाचल प्रदेश
जगत सिंह तोमर
देवभूमियों की अंतरराज्यीय सीमा पर नर कंकाल मिलने के बाद से हर कोई सहम गया है। जिसके बाद से दोनों राज्यों की पुलिस लगातार मामले को सुलझाने में जुट गई है। हिमाचल और उत्तराखंड की सीमा पर मीनस से कुछ दूर सैंज नामक स्थान पर बरामद हुए नर कंकाल के मामले में शिलाई पुलिस द्वारा गहनता से जांच की जा रही है। शुक्रवार को शिलाई पुलिस थाना के एसएचओ ने अपनी पूरी टीम के साथ टौंस नदी के किनारे पर उस स्थान का फिर से मुआयना किया जहां पर वीरवार के दिन एक नर कंकाल को बरामद किया गया था।
नर कंकाल को उत्तराखंड की राजस्व पुलिस द्वारा फोरेंसिक परीक्षण और डीएनए जांच के लिए देहरादून भेजा गया है। जहां पर फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम द्वारा उसकी बारीकी से जांच की जा रही है। वहीं, हिमाचल पुलिस द्वारा झकांडों पंचायत के कुफ्फोटी गांव से बीते वर्ष दिसंबर माह से लापता चल रही 22 वर्षीय पिंकी के 6 माह के दुधमुँहे बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाने के लिए उसे सिविल अस्पताल शिलाई ले जाया गया है।
आपको बताते चले कि वीरवार को हिमाचल और उत्तराखंड राज्य को विभाजित करने वाली टौंस नदी के समीप एक नर कंकाल बरामद हुआ था। जिसकी सूचना मिलते ही उत्तराखंड राज्य में जनजातीय क्षेत्र जौनसार बाबर की राजस्व पुलिस और हिमाचल पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर संयुक्त मुआयना किया गया था। हिमाचल पुलिस द्वारा लापता पिंकी के मामा और भाई को मौके पर शव की शिनाख्त के लिए बुलाया गया था। मगर कंकाल जीर्णशीर्ण हालत में होने के चलते उन्होंने पहचान करने में असमर्थता जाहिर की थी।
मौके का मुआयना करने के बाद उत्तराखंड राज्य के जौनसार बाबर में राजस्व पुलिस के अधिकारियों द्वारा इस पूरे प्रकरण को प्रथम दृष्टया सुनियोजित हत्या का मामला बताया गया है। हालांकि जब तक ये साफ न हो पाए कि नर कंकाल किसका है तब तक पूरे मामले को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ भी कह पाना संभव नहीं है।
लिहाजा स्थानीय लोगों के अनुसार इतना स्पष्ट माना जा रहा है कि मामला सुनियोजित हत्या से जुड़ा हुआ है ऐसे में दोनों राज्यों की पुलिस के लिए गुनहगारों के गिरेबान तक पहुंचना भी एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है। क्योंकि अभी तक न तो मृतक की शिनाख्त हो पाई है और न ही खाकी के हाथ कुछ ऐसा सबूत लग पाया है जिसके सहारे किसी अंजाम तक पहुंचा जा सके।
उत्तराखंड जनजातीय क्षेत्र जौनसार बाबर में राजस्व पुलिस थाना बल्हाड़ के उपनिरीक्षक प्रभु सिंह चौहान ने बताया कि नर कंकाल को जांच के लिए फोरेंसिक सेंटर देहरादून भेजा गया है। जहां से फोरेंसिक और डीएनए रिपोर्ट आना अभी बाकी है। फिलहाल मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है। वारदात वाले क्षेत्र में मुखबरों की संख्या बढ़ाई गई है बहुत जल्द मामला सुलझा लिया जाएगा।
उधर, पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि शनिवार को सिविल अस्पताल शिलाई में लापता पिंकी के बच्चे के डीएनए सैंपल लिए गए है। उत्तराखंड राज्य से फोरेंसिक और डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही मामला साफ हो पायेगा। फिलहाल पुलिस द्वारा हर पहलू की बारीकी से छानबीन की जा रही है।


0 comments: