हिमाचल प्रदेश
जगत सिंह तोमर
सिरमौर जिला के उपमंडल पांवटा की दवा निर्माता कंपनी यूनिकॉर्न फार्मा में पंजाब पुलिस द्वारा की गई थी छापामारी
कंपनी मालिक मोहनीश मोहन के अधिवक्ता पंकज भारद्वाज का दावा,- हिमाचल व पंजाब पुलिस का रवैया अन्याय पूर्णपांवटा की दवा निर्माता कंपनी यूनिकॉर्न फार्मा में छापामारी कर दवाओं की बड़ी खेप कब्जे में लेने व कंपनी मालिक को गिरफ्तार करने के मामले में हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पुलिस व पंजाब पुलिस से जवाब तलब किया है।
कंपनी मालिक मोहनीश मोहन के अधिवक्ता पंकज भारद्वाज ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यूनिकॉर्न दवा कंपनी के मामले में हिमाचल प्रदेश व पंजाब पुलिस का रवैया अन्याय पूर्ण रहा है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। जिसमें उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव व पुलिस महानिदेशक सहित पंजाब पुलिस महानिदेशक से जवाब तलब किया है।
पंकज भारद्वाज ने बताया कि इसकी सुनवाई आगामी 14 जून को होनी है। पंकज ने बताया कि कंपनी के पास इन दवाओं के निर्माण के लिए प्रदेश ड्रग अथॉरिटी की तरफ से लाइसेंस मौजूद है।
छापामारी के दौरान खुद अतिरिक्त दवा नियंत्रक सन्नी कौशल ने इस बात की तस्दीक की। लेकिन पंजाब पुलिस ने इसे नही माना। वे अनाधिकृत रूप से कारवाई करते हुए दवाओं को सीज कर साथ ले गए।
इतना ही नहीं बल्कि पुलिस ने जानबूझ कर कंपनी को बदनाम करने के लिए मामले को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया। उन्होंने उच्च न्यायालय पर विश्वास जताया
यही नहीं सिरमौर पुलिस ने भी उक्त मामले में अपनी पीठ थपथपाते हुए जिला मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस तक कर डाली थी।
गौरतलब हो कि पांवटा शहर के देवी नगर में यूनीक फॉर्मूलेशन दवा कंपनी के प्रबंधक को पंजाब पुलिस गिरफ्तार कर साथ ले गई थी। वहीं, जिला ड्रग विभाग द्वारा 15 करोड़ के कीमत की लगभग 30 लाख कैप्सुल व टैबलेट जब्त किए गए हैं।
सनद रहे कि बीते 18 मई को अमृतसर में 50,000 नशे के कैप्सूल के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामला पंजाब के फत्तेवाल पुलिस स्टेशन में FIR संख्या 51/ 2021 दर्ज किया गया था। इतनी भारी मात्रा में बरामद ट्रामाडोल दवा के बाद पंजाब पुलिस के भी होश उड़ गए थे। पूछताछ में पता चला कि दर्द के लिए बनी दवा जिसका इस्तेमाल नशे के तौर पर किया जाता है वह पांवटा साहिब में तैयार हुई थी।


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