कोरोना के संकट में बिहार के अस्पतालों में महिलाएं भी सुरक्षित नहीं ? : बोले ओम प्रकाश उपाध्याय
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मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर डॉक्टर अखिलेश और ग्लोकल के वार्ड बॉय ज्योति कुमार को जांच कर अविलंब गिरफ्तारी की मांग की।
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कोरोना मरीजों के इलाज के बीच अस्पतालों में हैवानियत किस कदर नाच रही है, ये किसी से छुपा नहीं है । मजदूर कांग्रेस (इंटक ) बिहार के प्रदेश महासचिव ओम प्रकाश उपाध्याय ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा _ नीतीश सरकार को जनता की फिक्र नहीं। इन्हें डर है, कुछ बोलेंगे तो कुर्सी चली जाएगी । पटना और भागलपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों का बदनुमा चेहरा जिस तरह उजागर हुआ है। ये नीतीश सरकार की कुव्यवस्था का पोल खोल रहा है। नीतीश सरकार को घेरते हुए ओम प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या कर सरकार मानव की सेवा करने वाले को गिरफ्तार कर रही है और बिहार के अस्पतालों को शर्मसार करने वाले को सरकार संरक्षण दे रही है, जो घोर निंदनीय एवं चिंतनीय है ।लानत है ऐसी सरकार की, जहां महामारी के इस संकट में पहले ही इलाज दवा ऑक्सीजन की कमी से मौत हो रही है। ऐसे में अपने पति और परिजनों की सेवा कर रही अस्पतालों में महिलाओं की अस्मत भी सुरक्षित नहीं ? भागलपुर के मायागंज हॉस्पिटल में अस्पताल माफियाओं के द्वारा खुलेआम ऑक्सीजन सिलेंडर ,दवाइयां और सुविधा के नाम पर काली-गाढी कमाई की जा रही है । अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास आम मरीजों को नजरअंदाज करते हुए आईसीयू मे अपने रिश्तेदारों एवं परिचितों की सेवा में लगे रहते हैं। जबकि अस्पताल की पूरी व्यवस्था अस्पताल अधीक्षक के हाथों में है ,तो फिर इस तरह की घिनौनी हरकतें कैसी हुई। सच्चाई है कि मरीजों को जूनियर डाँक्टर ,कंपाउंड,एवं नर्स के हवाले कर दिया जाता है ।सीनियर डॉक्टर्स केवल कोरम पूरा करते हैं। भागलपुर के ग्लोकल, मायागंज और पटना के राजेश्वरी हॉस्पिटल के कर्मियों के ऊपर लगे घिनौने क्रूरता के आरोपों की जांच कर सरकार दोषियों को यथाशीघ्र गिरफ्तार करें अन्यथा लॉकडाउन में भी आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
भागलपुर से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता


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