दबंग,नसेड़ी, बदसलूकी करने वाले एवं पुलिस प्रशासन की मिली भगत से नही मिल पा रहा है पीड़ित को इंसाफ।
संवाददाता गया राजेश मिश्रा बिहार
मामला बिहार के गया जिला का है।पीड़ित शिल्पी कुमारी पति शैलेश कुमार उम्र 35 है। जिनकी स्थाई पता ग्राम- उतरावा,पोस्ट-उतरावा,थाना- कुर्था, जिला गया का रहने वाले है, तत्काल अभी तुलसी कॉलोनी, थाना-डेल्हा, जिला गया में रहती है। जिसके साथ 08/05/21 को समय संध्या 7:30 रात्रि में जब वह किसी काम को लेकर स्टेशन की ओर से आ रही थी तो रास्ते मे यानी न्यू कॉलोनी में भलुआहि खरकुरा के विशाल मेहता उर्फ मोनू पिता-ज्ञान प्रकाश सिंह, विकास मेहता उर्फ चन्दन, पिता-ज्ञान प्रकाश सिंह, विक्टर मुर्मू उर्फ गुड़ु जॉन, गौतम कुमार उर्फ बंटी, पिता-महेन्द्र प्रसाद, लोहा सिंह, पिता-रामप्रवेश यादव जो न्यू कॉलोनी भलुआहि खरकुरा थाना डेल्हा जो लगभग 10 अज्ञात बदमाशों ने बैठकर शराब पी रहे थे। जब उन लोगों की नजर शिल्पी कुमारी पर पड़ी तो उसने उसका ब्लाउज के पर्स से 1200 रुपये। सोने की कान वाली तथा दो मोटा चैन जिसका मूल्य लगभग 1 लाख रुपये का होगा। जिसे छीन लिया गया, उतना पर भी नही रहा गया तो उनके साथ इज्जत से खेलवाड़ करना चाहा तो शिल्पी कुमारी जोर से चिल्लाने लगी। जिससे अगल-बगल के लोग जुट गये। जिसे मौका पा कर शिल्पी कुमारी ने किसी तरह भाग कर अपने नजदीकी संबंधित संतोष कुमार के घर मे जा कर छिप गई। जिसको लेकर सभी उपरोक्त बदमाश गोली बारी करना शुरू कर दिया।जिसको लेकर संतोष ने विरोध किया तो सब अपराधी घटना स्थल से भागने में सफल रहे। जबकि इन सब मामला को लेकर पीड़िता के भाई ने डेल्हा थाना में आवेदन देने गया तो उसे ही थाना प्रभारी के द्वारा एक फोन आने पे गिरफ्तार कर लिया गया। इन सब मामला को लेकर ऐसा लगता है कि कहि न कही थाना प्रभारी भी किसी बड़े नेता या अपराधियों के मिली भगत तो नही। पीड़िता ने आज इस संविधान के चौथे स्तंभ के माध्यम से अपना न्याय की पुकार कर रही है।क्यों कि इस समय मे पुलिस प्रशासन से धीरे-धीरे विश्वास उठता जा रहा हैं।


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