भागलपुर। मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इस वाक्य को सही मायने में चरित्रार्थ कर रहा है भागलपुर का दीपक शर्मा। इस महामारी काल में जहाँ लोगों को अपनी जान की चिंता है वहीं दीपक शर्मा अपने परिवार वालों की मदद से शहर मे लाचार और गरीब लोगों के लिए भोजन तैयार कर समाजसेवा में अपना योगदान दे रहें हैं। भागलपुर के ईशाकचक मोहल्ले के रहने वाले अजय शर्मा के पुत्र दीपक शर्मा ईशाकचक माँ बुढ़िया काली मन्दिर के समीप चलने वाली डेस्टिनी कंप्यूटर ट्रेनिंग नामक संस्था के निदेशक है। स्नातक की पढ़ाई के दौरान से ही दीपक अपने दोस्तों छात्र एवं छात्राओं के साथ मिल कर सामाजिक सेवा मे अपना योगदान देता आ रहा है साथ ही अब तक समाज सेवा के प्रति लोगों का नजरिया बदलने के साथ-साथ लोगों को समाज सेवा के प्रति जागरूक भी किया है। जिले में ब्लड बैंक में रक्त की अनुपलब्धता पर जरूरतमंदों की सहायता के लिए दीपक लगातार लोगों को प्रेरित करता रहता हैं। अब तक 71 यूनिट से ज्यादा रक्तदान करवा कर लोगों की सहायता की है। इसके अलावा किसी भी अवसर पर रक्तदान के लिए लोगों में जागरूकता भी फैला रहा है। वहीं जिले में सोशल मीडिया के सहारे लोगों को संक्रमण से बचाव के तरीके, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण सहित अन्य विषयों पर लोगों को लगातार जागरुक कर रहे है। इसके अलावा स्थानीय व क्षेत्रीय समस्याओं के प्रति अधिकारियों को ध्यान आकर्षित कराना, झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को शिक्षा व शिक्षा के साधन मुहैया कराना, पर्यावरण संरक्षण, भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता अभियान व आपदा काल में जरूरतमंद लोगों की सहायता करना सहित अन्य कार्य में अपनी सहभागिता दर्ज कराता आ रहा है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान भी कई संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों को फूड पैकेट व अन्य प्रकार से सहायता कर रहे हैं। समाजसेवा करने के साथ-साथ दीपक शर्मा अपने छात्रों को इस महामारी काल में घर बैठे कैसे इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर आमदनी कर सकते है इसकी भी जानकारी दे रहे है वहीं शहर में नो प्लास्टिक, शराब बन्दी, स्वछ्ता अभियान और रक्तदान जैसे उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा कई अन्य सामाजिक संस्था के द्वारा भी सम्मानित किया गया है
। दीपक ने बताया कि समाज सेवा में हमेशा पुरुष वर्ग के ही आगे रहने का मिथक था। लेकिन अब उनकी संस्था की लड़कियों ने भी इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर उस मिथक को तोड़ रही है। महिलाएं को इस क्षेत्र में आगे आने में समाज की कई परेशानियों से गुजरना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद भी महिलाएं समाज सेवा व इस प्रकार की गतिविधियों में काफी सक्रियता से भाग ले रहीं है।
भागलपुर से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता


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