बाँका। बाँका में आज बारिश हो रही है। जिसके चलते कई गली-मोहल्ले की सड़कों पर चलना भी दूभर हो गया है।
खासकर शहर के व्यस्ततम शिवाजी चौक से अलीगंज तक की सड़क तो हल्की बूंदाबांदी में भी बदहाल हो जाती है। करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी यदि यह सड़क आज भी पानी-पानी है तो इसके लिए जिम्मेदार यह शहर नहीं, बल्कि वह सिस्टम है। जिसकी लूट संस्कृति का खामियाजा आखिरकार यहाँ के निर्दोष नागरिकों को भरना पड़ रहा है ।
सनद रहे कि शिवाजी चौक बाँका शहर की सबसे बड़ी व्यावसायिक मंडी और बड़ा बाजार है। शहर के किसी नागरिक की रोजमर्रा की जरूरत का सामान शायद ही इस मंडी और बाजार में आए वगैर पूरी हो पाती हो।
इस रोड को अंतर्राज्यीय संथाल परगना रोड का दर्जा प्राप्त है। शहर के शिवाजी चौक से अलीगंज तक बाजार का हिस्सा पड़ता है। जिसके आगे यह मार्ग लकड़ीकोला होते हुए जयपुर-मोहनपुर होकर देवघर- दुमका मार्ग में मिल जाता है।
पिछले दो दशक से नेताओं और जनप्रतिनिधियों की ओर से इस मार्ग के काया कल्प की वयानवाजी लगातार खबरों की सुर्खियाँ बनती रही है। इस मार्ग पर करोड़ों व्यय किये जा चुके हैं, लेकिन आज भी इस मार्ग का उपयोग आपातकालीन में ही जैसे-तैसे की जा सकती है। आम यातायात के लिए इस मार्ग का उपयोग लोग शायद ही करते हैं।
शहर में शिवाजी चौक से लेकर अलीगंज तक की दूरी मुश्किल से 400से 500 मीटर की होगी। इस छोटी सी दूरी में रोड पर सैकड़ों छोटे-बड़े गड्ढे बने हैं। जहाँ बूंदाबांदी होने पर भी तालाब का दृश्य कायम हो जाता है। ज्ञात हो कि जब शहर के सड़क की यह हालत है तो जिला में अन्य कस्बायी सड़कों की स्थिति का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
पहले यह सड़क आर ई ओ विभाग के अधीन थी लेकिन अब यह पी डब्लू डी के अधीन आ गई है। लेकिन रोड की स्थिति गड्ढे में तब्दील हो गई है। सड़क की बदहाली की चिंता न तो नगर प्रशासन को है और न ही विभाग को। लेकिन चुनावी मौसम में विभिन्न दलों के जिला स्तरीय नेता लोगों को आश्वस्त कर रहे हैं कि इस हमारे नेता जी जितेगें तो निश्चित रूप से से इस सड़क को प्राथमिकता दी जाएगी। * के पी चौहान बाँका।


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