*बाढ का पानी तो निकल गया लेकिन मुश्किल में है जिन्दगानी*
सिधवलिया;- थाने के पास से जोड़ने वाली सड़क मंगोलपुर, बल्डिहा बाढ के पानी में ध्वस्त हो चुका है,पता ना कितना का घर खो चुके लोगों के लिए अपना गुजारा करना आज भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। जिनका मकान बाढ़ के पानी मे ध्वस्त हो गया है उनके लिए दिनचर्या का पालन करना भी मुश्किल है। शौचालय ध्वस्त हो जाने के कारण शौच इत्यादि के लिए भी नाव के सहारे पार कर मैदानी क्षेत्रों में जाने को मजबूर हैं। मवेशियों के लिए चारे पानी की व्यवस्था करना मुश्किल है। बाढ के पानी में खाने के सामान से लेकर मवेशियों के चारे तक बाढ के पानी में बर्बाद हो गए। बिजली के खंभे गिर जाने से सप्लाई बाधित है और अंधेरे में जीने को विवश हैं। बाढ के पानी में अबतक इस गांव के अब तक कितने लोगो अपनी जान गंवा चुके हैं। जहां कभी रोड था आज वहां तीस से चालीस फीट तक बाढ का पानी बह रहा है।
हमारा मैट्रो के पत्रकार का नाम सुनते हुए एवं हाथ में कैमरा देखते ही लोग अपनी-अपनी समस्या सुनाने लगे। यह कहने पर कि हमलोग मीडिया से हैं,कहते हैं ठीक से रिपोर्ट बनाइएगा साहब। हमारी जिंदगी तबाह हो गई है। दाने-दाने को मोहताज हैं। अब घर कैसे बनेगा ईश्वर ही जानते हैं। इस बाढ ने हमें ऐसा जख्म दिया है जो भरने में सालों लग जाएंगे। अभी भी बाढ राहत का पैसा नहीं आया है।


0 comments: