*बाढ़ के पानी में जमींदोज हुए कीर्तपुरा के कई पक्के मकान*
गोपालगंज:-जिले के पांच प्रखंडों बैकुंठपुर, सिधवलिया, बरौली, गोपालगंज व मांझा के कई गांवों ने झेला है लेकिन सबसे बड़ी तबाही को बैकुंठपुर प्रखंड के कुछ गांवो ने झेला है। प्रखंड क्षेत्र के बंगरा पंचायत के कीर्तपुरा गांव (वार्ड संख्या 1 व 2) का दौरा आज हमने किया। इस गांव ने भीषण बाढ से उस बर्बादी को झेला जो सामान्य होने में वर्षों लग जाएंगें।
गंडक नदी के तट पर बसे इस गांव में बाढ के पानी की मुख्यधारा होने की वजह से बाढ ने कई नवनिर्मित मकानो को भी अपनी आगोश में ले लिया और एक के बाद एक करीब पन्द्रह पक्के आवासीय मकान जमींदोज हो गए। बांध टूटने के घण्टे भर के भीतर ही पानी की तेज बहाव में सबसे पहले बिपिन मिश्रा का नवनिर्मित मकान भरभराकर गिर गया। आसपास के लोगों ने अपने अपने घरों से परिजनों को निकालना शुरू किया, तब तक रंजन मिश्रा, सुबोध मिश्रा का नवनिर्मित पक्का मकान भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इसके बाद आसपास के मुन्ना मिश्रा, गणेश मिश्रा, अशोक मिश्रा दरोगा महतो, देवेंद्र नाथ शर्मा, हीरा महतो, जगदीश दास, बृज नन्दन सिंह, टिपन दास, सुनील दस, चन्द्रिका दस, राजकुमार दास सहित करीब 15 आवासीय मकान एक एक कर ध्वस्त हो गए। नुकसान का आकलन करें तो करोड़ो का नुकसान होने का अनुमान है।
वर्तमान परिस्थितियां भी कम मुश्किल भरी नहीं हैं। आज भी इस गांव के ग्रामीण घर से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा ले रहे है। रास्ते बाढ के पानी से कट गए है जिसकी मरम्मती का काम शुरू भी नहीं हुआ है। जिनके घर जमींदोज हो चुके है वो अपने परिजनों के साथ यत्र-तत्र रहकर गुजारा कर रहे है। कोई अपने सगे सम्बन्धियों के यहा रहकर गुजर कर रहा है तो कोई पड़ोसियों के रहमोकरम पर मुसीबत की इस घड़ी में गुजारा कर रहा है। कुछ ग्रामीण बांध पर खुले आसमान तले दिन गुजारने को मजबूर हैं। घर ध्वस्त होने के बाद गृह स्वामियों के अरमान भी बाढ़ के पानी मे बह गए है।
जीवन भर की कमाई को इकठ्ठा कर रिटारमेंट के पैसे से घर बनाने वाले पूर्व भारतीय सेना बिपिन मिश्रा कहते है कि अब किस पैसे व कमाई से ध्वस्त हुए घर को खड़ा किया जाएगा। जीवन भर की कमाई का पाई पाई इकट्ठा कर रिटारमेंट के बाद घर बनाया था कि गांव में रहकर पेंशन के सहारे जीवन गुजर करेंगे। घर तैयार भी हो गया था। लेकिन अभी गृह प्रवेश भी नहीं हुआ था कि बाढ के पानी में घर ध्वस्त हो गया और सारे अरमान बिखर गए।


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