*सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे कप्तान*
*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे लाइन पर*
*कानपुर नगर अनुज तिवारी*
थाना शिवली के विकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गई बिठूर पुलिस पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जिसमें कई पुलिसकर्मी समेत आला अधिकारियों की मौत हो चुकी है। वही आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए हैं जिनमें कई की स्थिति गंभीर है खबर लिखे जाने तक पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ की सूचना मिलते ही एडीजी एसएसपी एसपी आईएएस अधिकारियों समेत विभिन्न थानों का फोर्स मौके पर मोर्चा संभाले हुए हैं।
जानकारी है कि गुरुवार देर रात बिठूर , चौबेपुर, शिवली पुलिस की संयुक्त टीम ने विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके गांव विकरु की घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस गांव में घुसी अपराधियों को भनक लग गई। और वह छत से ही पुलिस बल पर गोलीबारी करने लगे जिसमें सीओ, थाना प्रभारी, दरोगा समेत कई सिपाहियों को गोली लगी है। गोली लगने के कारण कई की हालत गंभीर है। लगातार अपराधियों द्वारा गोली चलाने के कारण कई लोगों को अभी भी वहां से नहीं निकाला जा सका है। जो पुलिसकर्मी गांव से बाहर निकल पाए उन्हें आनन-फानन में रीजेंसी हॉस्पिटल लाया गया है। गांव विकरू में अभी भी पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ जारी है। कानपुर देहात के बीजेपी सांसद भोले सिंह रीजेंसी पहुंचे जहां व पल-पल की सूचना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते रहे घटनास्थल पर भारी फोर्स की तैनाती कर दी गई है वही गांव में अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस तलाशी कर रही है
हमले की जानकारी मिलते ही एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार समेत तीन एसपी और कई सीओ सर्किल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। देर रात तक अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देती रही। वहीं, कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायन सिंह ने 8 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक है।
बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और रीजेंसी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती हैं। इसमें दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी हैं। डॉक्टरों की टीम गंभीर रूप से घायल सिपाहियों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद करती रही।
घायल पुलिसकर्मियों ने बताया कि दबिश के दौरान अपराधियों ने इस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कि जैसे पहले से ही उन्हें भनक लग गई थी। लेकिन बिठूर और चौबेपुर पुलिस की घेराबंदी होने के चलते समझ ही नहीं सके। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती या मोर्चा संभालती सात लोगों के गोली लगने से बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बदमाश मौके से भाग निकले।
25000 के इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपित है।




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