*माननीय मंत्री डा॰ प्रेम कुमार ने राजकीय पशुऔषधालय गया के पशु शल्य कक्ष का किया उद्घाटन
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आज दिनांक- 01.06.2020 को राजकीय पशुऔषधालय, गया के अन्तर्गत छोटे पालतू पशुओं के शल्य चिकित्सा के लिये शल्य कक्ष का उद्घाटन डा॰ प्रेम कुमार, मान्नीय मंत्री, कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा मान्नीय सांसद गया श्री विजय कुमार मांझी की उपस्थिति में किया गया। आज के कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेषक डा॰ तरुण कुमार उपाध्याय, जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया डा॰ सुधीर कुमार सिन्हा, पशुषल्य चिकित्सक, गया डा॰ राधेष्याम चैधरी, सहित सभी पदाधिकारी, कर्मचारी एवं गया शहर के कई पशुपालक और अन्य शहर वासी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मान्नीय मंत्री ने कहा कि पशु रोग जाँच प्रयोगशाला को सुदृढ़ किया गया है, जिससे पशुओं की बीमारी का पता लागने के लिए पशुओं के गोबर, खून, पेशाब, चमड़ी का कतरण एवं दुग्ध की जाँच निःशुल्क रूप से की जा सकेगी। इसके साथ ही गया जिले की के खिजरसराय, मऊ- टेकारी एवं शेरघाटी पशुचिकित्सालयों में स्थित प्रयोगशालाओेेें को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। जिससे पूरे जिले में पशुपालकों को यह सुविधा अच्छी तरह मिल पाएगी। इसके साथ ही मगध प्रमंडल के अन्य जिलों में भी इस सुविधा के लिए प्रयोगशालाओं कोे और सुदृढ़ किया गया है। शल्य चिकित्सा कक्ष के प्रारम्भ हो जाने से गया शहर एवं सुदूर के छोटे पशुओं की शल्य चिकित्सा के लिए अब पशु पक्षियों को गया शहर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
मान्नीय मंत्री ने बताया कि मगध प्रमंडल अन्तर्गत पूर्व से कार्यरत्त पशुचिकित्सालयों के अतिरिक्त 66 अतिरिक्त नये पशुचिकित्सालय खोलने का प्रस्ताव है। जिसे शीघ्र ही विभागीय मानक के अनुरूप जाँचकर सुदूर क्षेत्रों में भी खोला जायगा जहाँ पशुचिकित्सा की सुविधा वत्र्तमान में पशुचिकित्सालय दूर रहने के कारण नहीं मिल पा रही है। इसके साथ ही विभाग में कार्यरत कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।
जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया डा0 सुधीर कुमार सिन्हा, ने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा वर्तमान में पशुओं को खुरपका एवं मुॅहपका बितारी से बचाव के लिये टीकाकरण किया जा रहा है जिले में पशुओं की सभी 42 प्रकार की दवाईयाॅ उपलब्ध है। माननीय मंत्री महोदय ने निदेष दिया कि राज्य सरकार की सभी योजनाओं का शत् प्रतिशत अनुपालन के साथ बेहतर पशुचिकित्सा की व्यवस्था गया जिले में सुनिष्चित की जाय।





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