*कानपुर नगर से अनुज तिवारी की रिपोर्ट _
कानपुर हिंदुस्तान के जाने-माने संत शोभन सरकार की लंबी बीमारी के चलते असमय मृत्यु हो गई, जिसके बाद कानपुर देहात के शिवली स्थित शोभन मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. शोभन मंदिर और आश्रम में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात कर दिया गया है.
हर कोई शोभनसरकार के अंतिम दर्शन करना चाहता है, जिसके लिए पुलिस पहले से ही सतर्क है. बता दें कि शोभन सरकार का असली नाम परमहंस विरक्तानंद है.साधु शोभन सरकार ने डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राम बख्श सिंह के किले के हजारों टन सोने का खजाना होने का दावा किया था, जिसके बाद वह अनायास ही चर्चा में आ गए थे. शोभनसरकार के दावे पर सरकार ने उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में खुदाई कराई थी.
शोभनसरकार के बारे में सटीक जानकारी से ज्यादा किंवदंतियां प्रचलित हैं। इसकी वजह यह है कि शोभन सरकार सार्वजनिक कार्यक्रमों में बहुत कम ही जाते हैं, भक्तों को भी दूर से ही दर्शन देते हैं। इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता काफी है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कानपुर की करीब हर गाड़ी के शीशे पर ‘शोभनसरकार’ लिखा देखा जा सकता है। बहुत कम लोगों को पता है कि शोभन सरकार के नाम से प्रसिद्ध इन संत बाबा का वास्तविक नाम विरक्तानंद है।
साल 2013 में शोभन सरकार ने फतेहपुर के रीवा नरेश राम बख्श के किले में 1000 टन सोने का खजाना दबे होने का दावा किया था। शोभन सरकार ने ये दावा एक सपने के आधार पर किया था।
उनके इस दावे के बाद सरकार ने सोना निकलवाने के लिए उस जगह पर खुदाई भी करवाई। इस मामले पर उस समय खूब राजनीति हुई थी। खास बात यह रही कि वहां कोई खजाना नहीं मिला। खुदाई के दौरान ही केंद्र और प्रदेश सरकार के बीच खजाने की बांट को लेकर खूब बयानबाजी भी हुई थी लेकिन जब खजाना नहीं निकला तो दोनों को ही इस मामले पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।



0 comments: