*जिले के जिम्मेदार अधिकारियों में अपनी अलग पहचान बना लेने वाले शोहरतगढ़ के तहसीलदार राजेश अग्रवाल का नाम शोहरतगढ़ के ही नहीं जिले के अन्य क्षेत्रों के भी बुद्धिजीवी व समाजसेवी बड़े सम्मान से ले रहे हैं।*
*हालांकि हर किसी को इनसे कोई जरूरत नहीं है इनका अपना काम करने का एक क्राइटेरिया निश्चित है। लेकिन अपने कार्यों के बल पर इन्होंने न सिर्फ शोहरतगढ़ को बल्कि जिले के अन्य जिम्मेदारों को भी काम करने की क्षमता को बढ़ा दिया है।*
*कोरोनावायरस के चलते लाक डाउन 1 से लेकर चल रहे लाकडाउन 3 में राजेश अग्रवाल सुबह से लेकर देर रात तक दौड़ रहे हैं। लाक डाउन में तहसील क्षेत्र के कर्मचारियों को खुद के साथ कोरोनावायरस योद्धा बनकर बखूबी कर्तव्यों का निर्वहन करते करते यह अब कोरोना जनरल बन गये है।*
*बाहर से आए परदेसियों (संदिग्ध ) के बीच जाकर उनके चाय नाश्ता खाना आज की व्यवस्था खुद देख रहे हैं। इनके निरीक्षण का समय निश्चित नहीं रहता है, यह कभी भी कहीं भी चल देते हैं।*
*शोहरतगढ़ के राजस्व कर्मी नवीन श्रीवास्तव ने कहा 10 साल की नौकरी में मुझे पहली बार इतना ऊर्जावान बुद्धिमान कर्मियों के हित में सोचने वाला तहसीलदार मिला है। उनके बातचीत करने कार्य को संपादित कराने का तरीका इतना बेहतर होता कि कर्मचारी को समय की अधिकता का ध्यान ही नहीं रहता। यही नहीं तहसीलदार हर कर्मी की जरूरत पर भी ध्यान देते हैं।*
सुमित शर्मा की रिपोर्ट।


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