लेकिन इसी महामारी के बीच एक ऐसे इंसान से हम आपको परिचय कराने जा रहे हैं जो कि कॉरोना के इस जंग में गरीबों के लिए मसीहा , असहाय व्यक्तियों के लिए भगवान , या फिर आप उन्हें कोरॉना योद्धा के नाम से भी जान सकते हैं
जी हां हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है बिहार का बेटा और गरीबों के लिए भगवान मोहम्मद खालिद अजीम की
इनकी कहानी भी काफी दिलचस्प है...हमारे देश में कई ऐसे व्यक्ति हैं जो हर रोज कमाते हैं...और हर रोज अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं...लेकिन इस लॉक डॉन में ऐसे लोगों को भूखे मरने की लगातार खबरें सामने आ रही थी...कई लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे थे...लेकिन सरकार की मदद उन गरीबों तक नहीं पहुंच पा रही थी...ऐसी परिस्थिति में एक योद्धा के रूप में मोहम्मद खालिद अजीम ने इन गरीबों एवं बेसहारों का हाथ थामा...और उन गरीबों तक राशन सामग्री पहुंचाने का नेक पहल किया
अब तक करीब सिर्फ पटना में इनके द्वारा 5000 गरीब घरों में राशन सामग्री पहुंचाने का काम किया गया
हाल कि अगर बात कर ली जाए तो...बिहार का दुर्भाग्य कहें या फिर बिहार सरकार की लापरवाही...जिसके कारण बिहार से अंतरराष्ट्रीय खो खो खिलाड़ी का परिवार भूखे सोने पर मजबूर था...इस खिलाड़ी का नाम मोहम्मद मोहम्मद मंसूर आलम है जो कि बिहार के वैशाली जिले का निवासी है...वर्ष 2018 में इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय खेला...और बिहार का नाम भी ऊंचा किया...लेकिन इसके बावजूद आज परिस्थिति ऐसी है कि...पटना में एक साइकिल की पंचर का दुकान यह खिलाड़ी चलाने को मजबूर है...इसने काफी गुहार लगाई बिहार के खेल मंत्री...अपर सचिव...मुख्य सचिव एवं उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर...लेकिन सरकार की तरफ से किसी प्रकार की मदद मुहैया नहीं कराई गई...वही अंत में थक हार कर इस खिलाड़ी ने तो अपनी उम्मीद ही खो दी थी...लेकिन कहा जाता है कि जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों...और ऐसे में मोहम्मद खालिद असीम की नजर...अंतरराष्ट्रीय खो खो खिलाड़ी मोहम्मद मंसूर आलम पर पड़ी...जिसके बाद उन्होंने पटना से वैशाली...स्वयं जाकर पूरे परिवार का 2 महीने का राशन मुहैया कराया
बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट



0 comments: