गया से राजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
*राष्ट्रीय सेवा योजना(म•वि•वि•,बोधगया ) के स्वयंसेवक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बिहार प्रदेश कार्य समिति सदस्य सूरज सिंह ने भारत सरकार को कोवीड-19 कि दवा परिक्षण हेतू शरीर सौंपने के लिए गया जिलाधिकारी कार्यालय, माननीय प्रधानमंत्री, युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार को पत्र सौप कर इच्छा जाहिर किया हैl*
*राष्ट्रीय सेवा योजना (मगध विश्वविद्यालय,बोधगया) के वरिष्ठ सवयंसेवक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्य समिति सदस्य सूरज सिंह ने राष्ट्र हित की भवना को ध्यान में रखते हुए कोवीड-19 कि दवा परिक्षण हेतू गया जिलाधिकारी महोदय, माननीय प्रधानमंत्री, युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिख शरीर सौपने की सूचना दी हैl सूरज सिंह ने कहा की मैं रहूँ या ना रहूं भारत ये रहना चाहिएl मेरे अन्दर की देशभक्ति की उफान तब तक नहीं थमती है जब तक देश पर आए विपदाओं को पूरी तरह छिन्न भिन्न न कर दूँl समस्याओं की परिधि व्यक्तिगत हो या पारिवारिक, सामाजिक- राष्ट्रीय हो अथवा वैश्विक हमें इसकी समाधान करने में कभी पीछे नहीं हटना चाहिएl राष्ट्रीय सेवा योजना और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमें निरंतर राष्ट्र हित कार्य करने के लिए प्रेरित कर्ता हैl मैं इन संस्थाओं में कार्य कर देश-समाज को प्रथम एवं खुद को बाद में रखने की प्रेरणा सीखा हूँl आज जिस तरह कोरोना वायरस महामारी बन हमारे राष्ट्र को छती पहुंचा रही है वो चिन्ता का विषय है इस वायरस का मेडिसिन बनना अति आवश्यक है इसी को ध्यान में रखते हुए मैं अपना शरीर दान करना चाहता हूँ जिससे देश में सदैव खुशहाल रहें और सभी स्वस्थ रहेंl*
*संकट की ऐतिहासिक चुनौतीयों का मुकाबला समय-समय पर युवा शौर्य ही कर्ता आया हैl जब कभी राष्ट्र एवं विश्व मानवता पर संकट के तेजाबी बादल छाए हैं, युवाशौर्य ने ही प्रचंड प्रभंजन बनकर उन्हें छिन्न-भिन्न किया हैl मुझे गर्व होता है कि मैं सदा राष्ट्र के लिए कार्य कर रहा हूँ। मैं इस मुसीबत की घड़ी में राष्ट्र के काम आऊं ये मेरा सौभाग्य होगा, मुझे पता है कि एक दिन इस शरीर को नश्वर होना है तो फिर क्यों नहीं इस मुसीबत की घड़ी में अपने शरीर को सरकार को सौंप कर मानव जीवन को बचाने के लिए आगे आऊं, मैं चाहता हूँ कि जब भी राष्ट्र में समस्या उत्पन्न हो तो युवा पीढ़ी को आगे आ कर इन समस्या को दूर करने के लिए अपने आप को समर्पित कर देना चाहिएl*
*आज मैं जो भी सेवा भावना सीखा हूँ वो मेरे राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक, ईश्वर रूपी माता-पिता, गुरूजनों, संगठन एवं परिवार के अभिभावकों का आशीर्वाद एवं साथियों का स्नेह हैं, मेरा मानना है कि अगर देश के युवा पीढ़ी जागरूक हो तो किसी भी मुसीबत की घड़ी में देश जीत सकता है और मुसीबत हार सकता है,मैं सदैव मरते दम तक राष्ट्र हीत के लिए कार्य करता रहूँगा।*
*मालूम हो कि सूरज सिंह राष्ट्रीय सेवा योजना एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से विगत कई वर्षों से समाज सेवा कर रहें हैंl आज के युवा पीढ़ी में सूरज सिंह अपने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैंl ये प्रशासन एवं सरकार के सहयोग के लिए भी हर दम तात्पर्य रहते है वो राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा कई नेशनल कैम्प के माध्यम से ज्ञान प्राप्त कर अपने जूनियर स्वयंसेवकों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहें है,इस नेक कार्य करने के लिए सूरज सिंह के माता-पिता,गुरूजनों,अभिभावकों साथ ही मित्रों ने खुशी जाहिर कि हैं।*



0 comments: