गया के बौद्ध महोत्सव में बालीवुड सिंगर पलक मुछाल ने आकर लोगों को जाने से रोका और अपने शायरी के द्वारा लोगों का अभिवादन किया यू तो दिखावे के लिए लोग दिलसे मिलते वह बढी मुश्किल से मिलते हैं "मेरी आवाज को रब से से ऐसा वरदान चाहिए मिलजाए गा तो होसला मिलता तुमको, बस तैरी तालीम का। पलक ने अपने इंटरव्यू में बताया की बौध गया के बारे मे बहुत सुना था। लेकिन आकर बहुत ही अच्छा लगा। ये बिहार के सादगी कि कायल होने लायक़ हैं इतनी बढी हस्ती होने के बाद भी ऐसी सादगी सिर्फ पलक और पलक के परिवार में देखने को मिला है। इनके गाने 'हम तेरे बिन रह नही सकते गाकर अपनी गायकी का जलवा बिखर दि, सहीत जोशीले गीत संगीत से लोगों का भरपूर मनोरंजन कि, पलक के गानो से युवाओं की भीड़ बढते चली गई, पुरा कालचक्र मैदान खचाखच भीड़ से पलक के आखिर गीत तक जमीं रहीं, पलक के भाई पलाश मुस्लिम ने भी कई गाने गाये और सबसे बड़ी बात रही की पेर से, माथे, पेर के के होने से प्यानो से गित निकाली, पलक मुछाल ने दर्शकों को बताया कि वह हार्ट का आपरेशन कराती है गरीब बच्चों के लिए चैरिटी करती है जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने पलक मुछाल को बुद्ध का मेमंटो देकर सम्मानित किया।
बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा के साथ गया से धीरज गुप्ता की रिपोर्ट



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