एनटीपीसी के अधिकारी किसानों का सबसे बड़े शोषक हैं: अजीत कांटी थर्मल पावर के अधिकारी स्थानीय किसान मजदूरो का सबसे बड़ा शोषक है। वादा कर मुकर जाना इन अधिकारियों के फितरत में है। तभी तो पांच माह पूर्व दूषित पानी व छाई से हुए सैकड़ों किसानों का फसल क्षति का मुआवजा आज तक नहीं मिल पाया है। एनटीपीसी के इस व्यवहार से लोग आक्रोशित हैं। यदि समय रहते किसानों को मुआवजा नहीं मिला तो किसान शुरू करेंगे आर पार की लड़ाई। उक्त बातें गुरुवार को थर्मल पावर डैम पर प्रभावित किसान मजदूरों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा। उन्होंने कहा कि 4 माह पूर्व जिला प्रशासन, एनटीपीसी के अधिकारी व स्थानीय किसानों के बीच इस मुद्दे पर सहमति बनी थी, की दूषित पानी- छाई से हुए फसल की बर्बादी का मुआवजा प्रभावित किसानों को 8 दिन के अंदर एनटीपीसी भुगतान करेगी । लेकिन इ आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने थर्मल पावर के अधिकारियों पर किसानों का शोषण करने, ठगने तथा मानसिक प्रताड़ना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब इन अधिकारियों को जरूरत पड़ता है तो वे किसानों का पैर पकड़ते हैं जब काम निकल जाता है दो गला पर हाथ डाल देते हैं। यही इनका इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन के लिए जमीन अधिग्रहण करने के क्रम में इनके द्वारा सिरसिया से पकरी सड़क का मरम्मत, इस इलाके का चाहर दिवारी विहीन विद्यालयों का चाहरदीवारी का निर्माण करने, गरीब बस्ती में सामूहिक शौचालय का निर्माण कराने, सार्वजनिक पोखर का जीर्णोधार कराने का वादा स्थानीय किसानों से किया था ।लेकिन आज दो वर्ष बाद भी उनके द्वारा एक वादा भी पूरा नहीं किया गया है। उल्टे गर्मी का धमक आते ही फिर थर्मल के छाई से इस इलाके के एक दर्जन से अधिक गांव की आबादी बुरी तरह प्रभावित हो गया। उन्होंने कहा कि सीएसआर की राशि एनटीपीसी के अधिकारी अपने आकाओं के इशारे पर प्रदेश के *आरा* एवं अन्य जिलों में खर्च कर रहे हैं। जबकि नियम के मुताबिक यह राशि सत प्रतिशत स्थानीय वेलफेयर के लिए खर्च होना है। श्री कुमार ने कहा कि इन अधिकारियों के चालाकी हम समझ गए हैं । अब यहां के किसान एक इंच जमीन ऐसे बेईमान अधिकारियों के पहल पर थर्मल के लिए नहीं देंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि 2 दिनों के अंदर मैं किसान के प्रतिनिधि के साथ नए जिलाधिकारी एवं नए एनटीपीसी के सीईओ से मिलेंगे । साथ ही उनसे एक सप्ताह के अंदर चेक से किसानों को क्षति का मुआवजा की भुगतान कराने का आग्रह करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय राम ने किया । मौके पर सतनारायण भगत, अनूप चौरसिया, महेंद्र सहनी, प्रभु सहनी ,सुबोध प्रसाद, मनोज प्रसाद, देवनंदन भगत,मनमोहन सिंह भरत चौरसिया, रघुनाथ चौरसिया, राजकिशोर प्रसाद कुशवाहा, शिव कुमार सहनी राकेश कुमार आदि किसान प्रतिनिधियों ने किसानों को संबोधित करते हुए उनसे आर - पार की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट

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एनटीपीसी के अधिकारी किसानों का सबसे बड़े शोषक हैं: अजीत

 कांटी थर्मल पावर के अधिकारी स्थानीय किसान मजदूरो का सबसे बड़ा शोषक  है। वादा कर मुकर जाना इन अधिकारियों के फितरत में है। तभी तो  पांच माह पूर्व दूषित पानी व छाई से हुए सैकड़ों किसानों का  फसल क्षति का मुआवजा आज तक नहीं मिल पाया है। एनटीपीसी के इस व्यवहार से लोग आक्रोशित हैं। यदि समय रहते किसानों को मुआवजा नहीं मिला तो किसान शुरू करेंगे आर पार की लड़ाई।
               उक्त बातें गुरुवार को थर्मल पावर डैम पर प्रभावित किसान मजदूरों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा। उन्होंने कहा कि 4 माह पूर्व जिला प्रशासन, एनटीपीसी के अधिकारी व स्थानीय किसानों के बीच इस मुद्दे पर  सहमति बनी थी, की दूषित पानी- छाई से हुए फसल की बर्बादी का मुआवजा प्रभावित किसानों को 8 दिन के अंदर एनटीपीसी भुगतान करेगी । लेकिन इ आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने थर्मल पावर के अधिकारियों पर किसानों का शोषण करने, ठगने तथा मानसिक प्रताड़ना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब इन अधिकारियों को  जरूरत पड़ता है तो वे किसानों का पैर पकड़ते हैं जब काम निकल जाता है दो गला पर हाथ डाल देते हैं। यही इनका  इतिहास रहा है।
               उन्होंने कहा कि पाइपलाइन के लिए जमीन अधिग्रहण करने के क्रम में इनके द्वारा सिरसिया से पकरी सड़क का मरम्मत, इस इलाके का चाहर दिवारी विहीन विद्यालयों का चाहरदीवारी का निर्माण करने, गरीब बस्ती में सामूहिक शौचालय का निर्माण कराने, सार्वजनिक पोखर का जीर्णोधार कराने का वादा स्थानीय किसानों से किया था ।लेकिन आज दो वर्ष बाद भी उनके द्वारा एक वादा भी पूरा नहीं किया गया है। उल्टे गर्मी का धमक आते ही फिर थर्मल के छाई से इस इलाके के एक दर्जन से अधिक गांव की आबादी बुरी तरह प्रभावित हो गया।
            उन्होंने कहा कि सीएसआर की राशि एनटीपीसी के अधिकारी अपने आकाओं के इशारे पर प्रदेश के *आरा* एवं अन्य जिलों में खर्च कर रहे हैं। जबकि नियम के मुताबिक यह राशि सत प्रतिशत स्थानीय वेलफेयर के लिए खर्च होना है। श्री कुमार ने कहा कि इन अधिकारियों के चालाकी हम समझ गए हैं । अब यहां के किसान एक इंच जमीन  ऐसे बेईमान अधिकारियों के पहल पर थर्मल के लिए नहीं देंगे।
              पूर्व मंत्री ने कहा कि 2 दिनों के अंदर मैं किसान के प्रतिनिधि के साथ नए जिलाधिकारी एवं नए एनटीपीसी के सीईओ से मिलेंगे । साथ ही उनसे एक सप्ताह के अंदर चेक  से किसानों को क्षति का मुआवजा की भुगतान कराने का आग्रह करेंगे।
       कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय राम ने किया । मौके पर  सतनारायण भगत, अनूप चौरसिया, महेंद्र सहनी, प्रभु सहनी ,सुबोध प्रसाद, मनोज प्रसाद, देवनंदन भगत,मनमोहन सिंह भरत चौरसिया, रघुनाथ चौरसिया, राजकिशोर प्रसाद कुशवाहा, शिव कुमार सहनी राकेश कुमार आदि किसान प्रतिनिधियों ने किसानों को संबोधित करते हुए उनसे आर - पार की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।

बिहार झारखंड स्टेट हेड शिव शंकर झा की रिपोर्ट

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