*■ अद्भूत अलौकिक है, देवतुल्य श्रद्धालुओं की श्रद्धाः उपायुक्त....*
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट
महाशिवरात्रि के अवसर पर लाखों की संख्या में देवतुल्य श्रद्धालुओं के सुलभ जलार्पण हेतु जिला प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किये गए है। ऐसे में बाबा बैद्यनाथ के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था व श्रद्धा का एक अनूठा संगम देवनगरी में देखने को मिल रहा है।
देवतुल्य श्रद्धालुओं को एक नयी अनुभूति प्रदान करने की दिशा में प्रशासन से अनुमति के पश्चात शिवरात्रि महोत्सव समिति द्वारा चार्टर प्लेन से मंदिर प्रांगण में पुष्प की वर्षा श्रद्धालुओं व बाबा मंदिर पर की गयी।
पहली बार देवघर में शिव बारात 1994 में निकाली गयी थी। इसके बाद से शिव बारात की भव्यवता और प्रसिद्धि बढ़ती चली गयी।
गौरतलब है कि देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग एकमात्र बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है, जहां शिव व शक्ति एक साथ विराजमान हैं। शिव-शक्ति के एक साथ विराजमान होने के कारण ही यहां महाशिवरात्रि की रात शिवलिंग पर सिंदूर दान होता है। महाशिवरात्रि के दिन पूरी रात मंदिर का कपाट खुला रहता है। इसके अलावा वर्ष में एक दिन संध्या समय में बाबा बैद्यनाथ का श्रृगांर पुजा नहीं होती है*



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